बीएसएफ जवानों पर आतंकी हमला, दो जवान शहीद, 5 घायल

हमले के तुरंत बाद आतंकी घटना स्थल से फरार हो गए और शहीद हुए बीएसएफ जवानों के हथियार भी ले गए हैं।



श्रीनगर । गांदरबल के बाहरी इलाके पांडच में कुछ आतंकवादियों ने बीएसएफ की 37 बटालियन के गश्ती दल पर अचानक से हमला बोल दिया। इस हमले में बीएसएफ के दो जवान शहीद हो गए हैं, जबकि पांच अन्य के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना है। हमले के बाद आतंकी वहां से फरार होने से पहले शहीद हुए जवानों की दो राइफलें भी अपने साथ ले गए हैं। सुरक्षाबलों ने पांडच इलाके की घेराबंदी करते हुए आतंकियों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया हुआ है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है


पुलिस से अभी तक मिली जानकारी के अनुसार जिला गांदरबल के बाहरी इलाके पांडच की पुरानी सड़क पर जब बीएसएफ की 37 बटालियन की रोड ओपनिंग पार्टी निरीक्षण कर वापस लौट रही थी, तभी मोटर साइकिल सवार दो से तीन आतंकवादियों ने उन पर हमला बोल दिया। आतंकवादियों द्वारा बीएसएफ जवानों पर अचानक से किए गए इस हमले ने जवानों को संभलने तक का मौका नहीं दिया। जवानों पर गोलियां बरसाते हुए आतंकी जाते-जाते घायल जवानों के पास से करीब दो राइफलें भी ले गए। इस बीच अन्य जवानों व कुछ लोगों की मदद से घायल जवानों को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया। घायलों की संख्या 7 के करीब बताई जा रही है। इनमें से दो की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें स्किम्स सौरा रेफर कर दिया गया। इससे पहले की जवान अस्पताल तक पहुंचे, जख्मों का ताव न सहते हुए दोनों जवानों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।


स्किम्स के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ फारूक जान ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि उनके पास लाए गए दोनों बीएसएफ जवान गांदरबल आतंकी हमले में घायल हुए थे। उन्हें काफी गोलियां लगी थी। इससे पहले कि वे अस्पताल पहुंचे, दोनों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। वहीं बीएसएफ जवानों पर हमला कर राइफलें लेकर फरार हुए आतंकवादियों की सरगर्मी से तलाश की जा रही है। सेना, बीएसएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की एसओजी टीम ने पांडच इलाके की घेराबंदी कर रखी है। इलाके में आने व जाने वाले मांगों पर नाके लगाए गए हैं जबकि अब घर-घर तलाशी अभियान शुरू किया गया है। फिलहाल अभियान जारी है। किसी आतंकी मुठभेड़ की सूचना नहीं है।


सनद रहे कि गत मंगलवार को बीएसएफ, सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एसओजी के जवानों ने कश्मीर के टॉप 10 आतंकियों की सूची में तीसरे नंबर पर मौजूद जुनैद सहराई को उसके साथी तारिक के साथ मार गिराया था। श्रीनगर के डाउन-टाउन में हुई इस मुठभेड़ में मारा गया जुनैद कश्मीर के कट्टरपंथी अलगाववादी नेता और तहरीके हुर्रियत के चेयरमैन मोहम्मद अशरफ सहराई का बेटा है। कश्मीर विवि से एमबीए की डिग्री प्राप्त करने वाले जुनैद पर सात लाख का इनाम था। वह हिजबुल मुजाहिदीन का सेंट्रल कश्मीर का डिवीजनल कमांडर था। मुठभेड़ के दौरान तीन सुरक्षाकर्मी जिनमें एक बीएसएफ जवान भी शामिल था, घायल हुआ था। हालांकि, इस दौरान शरारती तत्वों ने आतंकियों के बचाव में सुरक्षाबलों पर पथराव भी किया था, लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें खदेड़ दिया।


रियाज नाइकू की मौत के बाद जुनैद सहराई का मारा जाना हिजबुल मुजाहिदीन के लिए एक और बड़ा झटका माना जा रहा है। जुनैद सहराई को नाइकू की मौत के बाद कश्मीर में हिजबुल का डिप्टी ऑपरेशन चीफ कमांडर बनाने की चर्चा थी। मार्च 2018 में आतंकी बने जुनैद सहराई उर्फ अम्मार के पीछे सुरक्षा एजेंसियां काफी समय से लगी थीं। 


 आज बुधवार को बीएसएफ जवानों पर हुआ यह हमला नवाकदम हमले का बदला कहा जा रहा है। हालांकि, अभी तक किसी आतंकवादी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।