मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र अवपात में तब्दील हो गया है। जिससे भयंकर समुद्री तूफान की आशंका है।
भुवनेश्वर । कोरोना महामारी के बीच दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र अवपात (डिप्रेशन) में तब्दील हो गया है। शनिवार अपराह्रन 5:30 बजे तक यह समुद्री तूफान का रूप धारण कर लेगा और फिर 24 घंटे में यह सीवियर साइक्लोन अर्थात भयंकर समुद्री तूफान में तब्दील हो जाएगा। ऐसे में चक्रवात अम्फान के कारण उत्तर तटीय ओडिशा ज्यादा प्रभावित होने की जानकारी भारतीय मौसम विभाग की तरफ से दी गई है। ओड्राफ (Orissa Disaster Rapid Action Force) , एनडीआरएफ ( National Disaster Response Force) तथा दमकल विभाग को सतर्क रहने के लिए निर्देश जारी कर दिये गये हैं।
60 से 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी हवा
हवा की गति 115 किलोमीटर तक हो सकती है। समुद्र के अंदर 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान है। शनिवार शाम 5 बजे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक 12 जिलों के जिलाधीश के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चर्चा करेंगे। विशेष राहत आयुक्त प्रदीप कुमार जेना ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि बाजार में पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री मौजूद है ऐसे में लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। पारादीप से 1060 किलोमीटर दूरी पर स्थित चक्रवात अम्फान 20 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गति कर रहा है।
समुद्री तूफान कहां करेगा लैंडफाल
हालांकि यह समुद्री तूफान कहां लैंडफाल करेगा, वह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। चक्रवात अम्फान वर्तमान समय में पारादीप बंदरगाह से 1060 किमी. की दूरी पर तथा पश्चिम बंगाल के दीघा से 1250 किमी. एवं बांग्लादेश से 1330 किमी. दूरी पर है। रविवार शाम के बाद इसे उत्तर-पूर्व दिशा में गति करने का अनुमान है। 18 मई को यह समुद्री तूफान भयंकर रूप धारण कर लेगा और 19 मई को अपराह्न तक स्थल भाग से टकराने की उम्मीद है।
18 मई से जगतसिंहपुर, केन्द्रापड़ा, भद्रक, बालेश्वर, पुरी, खुर्दा, मयूरभंज आदि जिले में बारिश शुरु हो जाएगी। 19 मई को तटीय ओडिशा के जिले में भारी से भारी बारिश होने का अनुमान मौसम विभाग की तरफ से लगाया गया है। बिजली की गड़गड़ाहट के साथ 20 किमी. की रफ्तार से हवा चलेगी जगतसिंहपुर, केन्द्रापड़ा, बालेश्वर एवं भद्रक जिला प्रशासन को पूरी तरह से सतर्क रहने को निर्देश जारी कर दिया गया है। इन जिलों के जिलाधीश को सूखा खाद्य, आश्रय स्थल तैयार रखने को कहा गया है।
ओडिशा सरकार ने की तैयारी
संभावित चक्रवात को ध्यान में रखते हुए ओडिशा सरकार ने अपनी तैयारी शुरु कर दी है। ओडिशा में चक्रवात आने की संभावना कम है फिर भी ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सरकार के तैयार रहने की जानकारी विशेष राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने दी है। विशेष राहत आयुक्त ने कहा है कि इस चक्रवात के कारण उत्तर ओडिशा प्रभावित होगा। गजपति से लेकर मयूरभंज तक 12 जिले के लिए सतर्क सूचना जारी की गई है। हालांकि 4 तटीय जिले बालेश्वर, भद्रक, जगतसिंहपुर, केन्द्रापड़ा के जिलाधीश के साथ चर्चा कर किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सतर्क रहने को कहा गया है।
सरकारी छुट्टी रद
इन जिलों में सरकारी छुट्टी को रद कर दिया गया है। लोगों के स्थानान्तरण प्रसंग विचार विमर्श जारी है। चक्रवात पर नियमित रूप से नजर रखी जा रही है। जरूरत पड़ी तो लोगों को स्थानान्तरण किया जाएगा। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में शेल्टर होम चिन्हिंत करने लिए जिलाधीशों को कहा गया है। सरपंच एवं स्कूल के शिक्षकों को सेल्टर होम का दायित्व दिया गया है। पुलिस, दमकल विभाग, एनडीआरएफ टीम के साथ प्राथमिक चर्चा की गई है। चक्रवात की स्थिति से निपटने के लिए ऊर्जा, जल संशाधन विभाग को सतर्क करा दिया गया है। मछुआरों को गहरे समुद्र मे ना जाने की हिदायत दी गई है।
संभावित चक्रवात से निपटने के लिए NDRF सतर्क
संभावित चक्रवात से निपटने के लिए एनडीआरएफ पूरी तरह से सतर्क है, यह जानकारी आज खुद एनडीआरएफ के डीजी सत्य नारायण प्रधान ने ट्वीट कर दी है। उन्होंने कहा है कि समूद्री तूफान से ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल प्रभावित होगा, ऐसे में किसी भी प्रतिकुल परिस्थिति से निपटने के लिए नेशनल डिजास्टर रेस्पंस फोर्स (एनडीआरएफ) तैयार है। उन्होंने कहा है कि एनडीआरएफ की 4-4 टीम ओड़िशा एवं पश्चिम बंगाल में तैनात है। इसके अलावा 20 टीम को स्टैंडबाय में रखा गया है। गौरतलब है कि दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र अवपात में तब्दील हो गया है। अगले 24 घंटे में इसे भयंकर समुद्री तूफान में तब्दील होने की सम्भावना जतायी गई है।