लखनऊ। यूपी में कोरोना वायरस के मामले धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश में अभी भी 1525 लोग इस बीमारी से संक्रमित हैं। यूपी की राजधानी लखनऊ में भी कोविड 19 के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। यहां के सदर हॉटस्पॉट क्षेत्र आसपास की बड़ी आबादी के लिए खतरा बन गया है। छावनी परिषद ने हाता रामदास सील क्षेत्र के पास रेलवे लाइन की तरफ बेरिकेडिंग लगाई है लेकिन नाकाफी है। यहां पुलिस ने कंटीली फेंस लगाने के लिए प्रशासन को लिखा है। एक किलोमीटर लम्बा रेलवे लाइन वाले क्षेत्र से कई रास्ते निकलते हैं। लोगों की लगातार इस रास्ते से आवाजाही लाइन के उस पार माल एवेन्यू, हुसैनगंज, चारबाग, आलमबाग आदि को खतरे में डाल रही है।
इन इलाकों को खतरा
इन इलाकों से बाहर निकल रहे लोग: स्थानीय पुलिस के अनुसार छोटी लालकुर्ती के पीछे रेलवे ट्रैक से राजीव गांधी नगर तक एक किलोमीटर रेलवे लाइन का हिस्सा असुरक्षित है। यहां बार बार समझाने पर भी लोग नहीं मान रहे हैं। सदर इलाके में लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों को सबक सिखाया जा रहा है। इसके लिए छावनी परिषद के कर्मचारियों को तैनात किया गया है। ये कर्मचारी दिन भर गलियों का निरीक्षण कर रहे हैं। यदि कोई घर के बाहर टहलते दिखता है तो मोबाइल कैमरे से उसकी फोटो खींच लेते हैं।
क्या होता है एपिसेंटर
भूकंप के केंद्र को एपिसेंटर कहते हैं। यहां एपिसेंटर से मतलब लखनऊ में कोरोना वायरस के केंद्र अथवा गढ़ से है। लखनऊ में सदर क्षेत्र से अब तक 100 लोगों में कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया है। इसे हॉटस्पॉट बनाया गया। अब यह क्षेत्र एपिसेंटर बन गया।