संतरे में हैं बेहतरीन औषधीय गुण

इम्यून सिस्टन बूस्ट करना चाहते हैं तो रोज संतरा खाने की आदत डालें। कई बीमारियों का उपचार करता है संतरा। 



कोरोना महामारी के इस दौर में हर किसी को अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट करने की जरूरत है। ऐसे में आयुष मंत्रालय द्वारा इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। हमने आयुष मंत्रालय के गाइडलाइन को पहले ही प्रकाशित कर चुके है। हालांकि कुछ और चीजें हैं, जो इम्यूनिटी के साथ-साथ शरीर में कई अन्य चीजों को दुरुस्त करती हैं और शरीर को हेल्दी बनाने में मदद करती हैं। इन्हीं में से एक है ओरेंज यानी संतरा। संतरे में एक नहीं कई गुण होते हैं। इसके रोजाना इस्तेमाल करने से कई बीमारियों को शरीर में आने से रोका जा सकता है। संतरे एक साथ दमा और खांसी को दूर रखता है। यह श्वास प्रणाली को शक्ति देता है। टी. बी., पेट, दिल और छाती से संबंधित रोगों में भी यह फायदमेंद है।


आइए जानते हैं संतरे के फायदे-



  • रोजाना संतरा के उपयोग से सर्दी, इन्फ्लूएंजा और रक्तस्राव के बार-बार के हमले को रोका जा सकता है। किडनी को स्वच्छ रखने में भी संतरा सक्षम है। यह कब्ज को भी दूर करता है, क्योंकि इसमें मौजूद रेशे रफेज का काम करते हैं और पाचन प्रणाली को दुरुस्त करते हैं। संतरा कैल्सियम और विटामिन ‘सी’ का अच्छा स्रोत होने के कारण हड्डी और दाँत की बीमारियों में उपयोगी है। इस तरह इसके रोजाना इस्तेमाल से कई तरह की बीमारियां शरीर के अंदर प्रवेश ही नहीं करेंगी।

  • बुखार में प्रभावी है संतारा- बुखार से पीड़ित मरीज अत्यधिक विषाक्तता के दौर से गुजरते हैं और लार की कमी से उसकी जीभ पर परत चढ़ जाती है, भूख व प्यास की भी कमी हो जाती है। संतरे के रस की सुगंध इन अरुचियों को दूर करने में बहुत मदद करती है। संतरे का रस टायफॉइड, टी बी रोग, खसरे में बहुत आदर्श तरल आहार है। इससे शक्ति मिलती है और यूरेनरी सिस्टम भी ठीक होता है।

  • शिशु के लिए भी अच्छा आहार-संतरे का रस मां का दूध नहीं पीने वाले शिशुओं के लिए अच्छा आहार है। उनकी उम्र के अनुसार आधे से चार औंस तक संतरे का रस प्रतिदिन दिया जाना चाहिए। यह स्कर्वी और रिकेट्स की रोकथाम करता है और विकास में मदद करता है। उन्हें प्रतिदिन दो से चार औंस तक संतरे का रस देना चाहिए।

  • दिल की बीमारियों में भी कारगर-संतरे का रस शहद के साथ लेना हृदय रोग में बहुत लाभकारी है। कार्डिएक अवस्थाओं जैसे- कोरोनरी इस्केमिया और व्यतिक्रम में जब केवल तरल आहार ही ग्रहण करना हो तो संतरे के रस का शहद के साथ उपयोग बहुत ताकत देने वाला तरल आहार होता है।

  • पुराने कफ को ठीक करता है-आम तौर सर्दी-जुकाम में संतरे खाने का चलन नहीं है, लेकिन कफ में यह रामवाण है। संतरे का रस चुटकी भर नमक और चम्मच भर शहद के साथ लेना क्षय रोग, अस्थमा, सामान्य सर्दी और छाती में जमा कफ निकल देता है। फेफड़ों में इसकी सेलाइन क्रिया के कारण कफ-निस्सारण में आसानी होती है और सेकंडरी संक्रमण से रक्षा होती है।