ऑनलाइन कंपनियों की तरह मोबाइल शॉप खोलने की मिले अनुमति


लखनऊ। ऑनलाइन कंपनियों को इलेक्ट्रानिक सामान के साथ ही मोबाइल बेचने की अनुमति मिलने के बाद स्थानीय मोबाइल दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें खोलने की अनुमति मांगी है। इनका कहना है कि हमारी मांग इसलिए भी उचित है क्योंकि हम सरकार द्वारा बिजली, पानी और नगरनिगम के टैक्स सहित सभी अन्य टैक्स भी अदा कर रहे हैं। अगर उन्हें दुकान खोलने की अनुमति मिलेगी तो इन टैक्स की भरपाई करने और अपनी रोजी-रोटी भी कमा सकेंगे।


किराना दुकान की तरह करेंगे सोशल डिस्टेंसिंग


प्रदेश मोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज जौहर ने कहा कि सरकार जब ई-कामर्स के जरिए इलेक्ट्रानिक सामान और मोबाइल बेचने की अनुमति दे सकती है तो हमें भी यह सुविधा प्रदान की जाए कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए वह अपनी दुकान खोल सकें। इसके जरिए वह अपने वर्किंग स्टाफ को भी काम दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि केवल ई-कामर्स में बड़ी ऑनलाइन कंपनियों को अनुमति देना सरकार का एकतरफा फैसला है।


ऑनलाइन एजूकेशन के लिए जरूरी हुआ मोबाइल


लॉकडाउन के दौरान अब सभी स्कूल और कई कंपनियां ऑनलाइन पढ़ाई और अपने कामकाज निपटा रही हैं। ऐसे में स्मार्ट फोन की मांग बढ़ी है। इस जरुरत को पूरा करने के लिए भी मोबाइल शाप को खोलना सरकार के लिए उचित होगा। संगठन सरकार को यह आश्वासन देता है कि वह किसी प्रकार भी सरकारी दिशा-निर्देशों के पालन में कोई भी कोताही नहीं बरतेगा।


जिस तरह से इलेक्ट्रानिक सामान व मोबाइल बेचने की अनुमति केवल ई-कामर्स कंपनियों को दी गई है वह सैद्धांतिक रूप से गलत है। क्योंकि लॉकडाउन में भी सरकार के टैक्सों का भार केवल हमारे जैसे कारोबारी उठाएं और जब सुविधाएं व कारोबार में छूट देने का नम्बर आए तो इन बड़ी कंपनियों को दिया जाए।अमरनाथ मिश्र, वरिष्ठ महामंत्री, लखनऊ व्यापार मंडल