लखनऊ। लोहिया में शनिवार को 12 कोरोना संक्रमित मरीजों की पहली भर्ती में ही इंतजामों की पोल खुल गई। इसके बाद जनरल और महिला इमरजेंसी के पास कोविड-19 का आईसोलेशन वार्ड बनाए जाने पर भी सवाल खड़े हो गए। डॉक्टरों का कहना है कि इमरजेंसी से बामुश्किल सात मीटर की दूरी पर आईसोलेशन वार्ड बनाने से संक्रमण सामान्य मरीज व तीमारदारों में फैलने का खतरा बढ़ गया है।
वहीं संस्थान प्रशासन करीब 20 दिनों से गोमतीनगर विस्तार स्थित मातृ-शिशु एवं रेफरल हॉस्पिटल को कोविड-19 के रूप में पूरी तरह से विकसित नहीं कर पाया है।
इमरजेंसी के सामने ट्रॉमा सेंटर में आईसोलेशन वार्ड बनाया गया है। शनिवार को इसमें 12 संक्रमित मरीज भर्ती किए गए। इससे रविवार को भी अफरा-तफरी का माहौल रहा। कई मरीजों को कोरोना संक्रमण के डर से बिना इलाज लौटा दिया गया। डॉक्टर, कर्मचारी और छात्रों में भी कोरोना संक्रमण को लेकर दहशत बनी है। वहीं मरीजों को रेफरल हॉस्पिटल में शिफ्ट करने को लेकर अफसरों में रजामंदी नहीं बन पाई। सोमवार को भीड़ बढ़ने के आसार से मुश्किलें और बढ़ सकती है।
20 दिन बाद भी अधूरा कोविड हॉस्पिटल
लोहिया संस्थान के रेफरल सेंटर को कोविड-19 अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है। अभी वहां तैयारी पूरी नहीं हो पाई। प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह के मुताबिक प्रत्येक बेड पर पाइप लाइन से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जानी है। जो कि अभी तक नहीं हो पाई है। इसके लिए कागजी कार्रवाई पूरी की जा रही है।
इन बिन्दुओं को प्रशासन ने किया नजरअंदाज
7 मीटर पर जनरल इमरजेंसी में है। इसमें बड़ी संख्या में मरीज-तीमारदार आ रहे हैं
20 मीटर पर महिला व प्रसूति रोगों की इमरजेंसी है। रोजाना 20 से ज्यादा प्रसव हो रहे हैं
ट्रॉमा भवन में ही जन औषधि केंद्र है। इसमें रोजाना सैकड़ों लोग जेनेरिक दवाएं खरीदने आ रहे हैं
15 मीटर पर संस्थान की फार्मेसी है
17 मीटर पर पुलिस चौकी है
40 मीटर पर एमबीबीएस छात्रों का हॉस्टिल है
50 मीटर पर नर्सिंग व डॉक्टरों के फ्लैट हैं
60 मीटर पर हॉस्पिटल ब्लॉक के डॉक्टर व कर्मचारियों के आवास हैं।