लखनऊ । कोरोना संक्रमित की मौत के बाद उसके शव को ऐशबाग कब्रिस्तान में दफन करने का विरोध करने पर बाजारखाला पुलिस ने एफआइआर दर्ज की है। एडीसीपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक सात नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। आरोपितों ने पुलिस के बार-बार समझाने पर भी विरोध जारी रखा और लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं किया।
पुलिस के मुताबिक ऐशबाग कब्रिस्तान में शव दफन करने के लिए परिवारजन और पुलिस ने काफी प्रयास किया, लेकिन आरोपितों ने उनकी एक न सुनी। इसके बाद दूसरे स्थान पर शव लेकर घरवाले गए, जहां बुधवार देर रात करीब तीन बजे लक्ष्मणगंज स्थित सुप्पा रौस कब्रिस्तान में शव को दफन कर दिया गया।
बाजारखाला कोतवाली में तैनात दारोगा राकेश कुमार चौरसिया का आरोप है कि ऐशबाग कब्रिस्तान में शव को न दफनाया जाए, इसके लिए कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे थे। अंजुम इंतजामिया के लोगों के बहकावे में आकर बाबू, नसीम, वसीम, मुसीर नेता, साजिद, जाबिर और फैय्याज तथा करीब 150 अन्य लोग हंगामा करने लगे। आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई।
विधायक ने जताई नाराजगी
पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेश कुमार श्रीवास्तव ने कोरोना संक्रमित का शव बुधवार देर रात में चुपचाप लक्ष्मनगंज स्थित सुप्पा रौस कब्रिस्तान में दफनाने पर नाराजगी जताई है। विधायक ने जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर से वार्ता कर एतराज जाहिर किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कोरोना संक्रमित का शव दफनाना हर प्रकार से गलत है। इससे क्षेत्र के अंदर कोरोना संक्रमण फैल सकता है। विधायक ने जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर से शहर के बाहर शव दफनाने के लिए अलग-अलग स्थान चिह्न्ति करने का सुझाव दिया है।
नया गांव में एक ही परिवार के चार संक्रमित कैसरबाग के नया गांव मोहल्ले में एक ही परिवार के चार लोग संक्रमित पाए गए हैं। वहीं, संपर्क में आए दो अन्य लोग भी संक्रमित मिले हैं। इलाके में पुलिस लोगों का सैंपल जांच के लिए भिजवा रही है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई करेगी। माना जा रहा है कि संक्रमित लोगों के संपर्क में काफी लोग आए हैं, जिनके बारे में पता लगाया जा रहा है।