जांच रिपोर्ट आने पर ही घरवालों को मिलेगा कोरोना संदिग्ध का शव

लखनऊ में कोरोना के संदिग्ध की मौत के बाद हुई कोरोना की जांच रिपोर्ट के बाद भी परिजनों को सौंपा जाएगा शव। 



लखनऊ। कोरोना पर अंकुश लगाने के लिए शासन की ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इसी कड़ी में अब अस्पातल कोरोना के संदिग्ध मरीजों के शव परिवारजन को तभी सौंपेंगे, जब कोराना की रिपोर्ट आ जाएगी। 


कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच शासन ने सांस के हर गंभीर रोगी में कोरोना की जांच कराने का आदेश दे रखा है। हार्ट, किडनी, कैंसर के मरीजों में निमोनिया होने पर उन्हें भी इसी श्रेणी में रखा जाता है। कई बार इन कोरोना संदिग्ध गंभीर रोगियों की रिपोर्ट आने से पहले ही मृत्यु हो जाती है। ऐसे में शव सौंपने को लेकर ऊहापोह की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। लिहाजा, कोरोना पॉजिटिव व संदिग्ध मरीजों के शवों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने राज्यों को एडवाइजरी भेजी है। यह पत्र केजीएमयू, पीजीआइ, लोहिया संस्थान समेत अन्य अस्पतालों में पहुंच गया है, जोकि चिकित्सा अधीक्षकों व कोरोना टीम के नोडल अफसरों को भेज दिया गया है। अब संदिग्ध मरीजों का शव रिपोर्ट आने पर ही घरवालों को सौंपा जाएगा, ताकि पॉजिटिव मरीज होने पर उसके अंतिम संस्कार में कोई चूक न हो।


शरीर के सभी कट करने होंगे बंद


वेंटिलेटर पर शिफ्ट मरीज में ट्यूब सीधे सांस नली में डालने के लिए अक्सर गले में चीरा लगाया जाता है। इसे ट्रैकिऑस्टमी कहते हैं। वहीं, कई और प्रोसीजर के लिए भी इलाज के दौरान कट लगाए जाते हैं। गाइड लाइन के अनुसार मरीज की मृत्यु होने पर यह सभी कट बंद करने होंगे, जिससे कहीं से भी उसके शरीर से फ्ल्यूड बाहर न निकले।


पॉली बैग में रखकर पोस्टमार्टम हाउस में रखा जाएगा शव


कोरोना के पॉजिटिव और संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट न आने तक शव मच्र्युरी में रखे जाएंगे। यह शव विशेष पॉलीबैग में पैक होंगे। इनमें सिर्फ चेहरे के पास पारदर्शी पॉलीथिन होती है, जिससे परिवारजन अंतिम दर्शन कर सकें। उन्हें शव को छूने या उससे लिपटने नहीं दिया जाएगा। पॉजिटिव आने पर गाइड लाइन के अनुसार जिला प्रशासन और सीएमओ अंतिम संस्कार के निर्देश देंगे।