नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को चौथी बार मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर चर्चा की। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि लंबे समय से कोरोना हमारे जीवन का एक हिस्सा बन गया है। कोरोना के खतरे को देखते हुए हम सभी को सोशल डिस्टेंसिंग से समझौता नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम सभी के लिए 'दो गज दूरी' एक मंत्र बन जाना चाहिए।' इस बैठक की जानकारी रखने वाले लोगों ने हमारे सहयोगी अखबार एचटी को बताया कि पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा है कि जो लोग कोरोना के संपर्क में आए हैं, उन्हें अपराधियों की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। पीएम मोदी ने आश्वासन दिया कि यदि विशेष क्षेत्र के मामलों में तेजी आती है, तो उस राज्य को दोषी के रूप में नहीं देखा जाएगा।
बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि मास्क हमारी जिंदगी का हिस्सा होना चाहिए। जहां एक तरफ हमारे सामने जिंदगियों को बचाने का लक्ष्य है तो दूसरी तरफ आर्थिक मामलों पर भी ध्यान केंद्रित करना है। हमें आर्थिक गतिविधियों को मजबूत करना है और वायरस से निपटने के लिए अपनी ताकत भी बढ़ानी है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पीएम मोदी मुख्यमंत्रियों से कहा कि अगर किसी बड़े शहर के कुछ क्षेत्र रेड जोन में हैं, तो बड़े शहर के अन्य क्षेत्रों को भी संरक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि आप जमीनी वास्तविकताओं से बेहतर परिचित हैं और आप इसका आकलन कर सकते हैं।'
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में 25 मार्च से दो चरण में लॉकडाउन लागू किया गया है। देश में कोरोना संकट की शुरुआत के बाद 22 मार्च से अब तक प्रधानमंत्री मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चार बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर चुके हैं।
पीएम मोदी के अलावा शाह, हर्षवर्धन भी हुए शामिल
बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय एवं अन्य संबद्ध मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरकत की। इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया।
मास्क लगाकर दिखे मुख्यमंत्री
बैठक में हिस्सा ले रहे तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री मास्क लगाए नजर आये तो वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने हरे रंग के बॉर्डर वाले सफेद गमछे से मुंह को ढंका हुआ था। इससे पहले सरकार के सूत्रों ने रविवार को संकेत दिए थे कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों के बीच महामारी से निपटने के तरीकों पर चर्चा के अलावा, लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के उपायों पर भी विचार विमर्श हो सकता है।
पीएम ने 'मन की बात' में कोरोना पर क्या कहा था?
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को रेडियो पर अपने मासिक संबोधन 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा था कि कोरोना संक्रमण के कारण देश में युद्ध जैसी स्थिति है। उन्होंने जोर दिया कि लोगों को सावधान रहने और सावधानी बरतने की जरूरत है। मोदी ने सावधानी बरतने पर जोर ऐसे समय दिया है जब केंद्र सरकार और राज्य आर्थिक गतिविधियों को फिर से बहाल करने के लिए लॉकडाउन मानदंडों में छूट दे रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मैं आपसे अति आत्मविश्वासी नहीं होने का आग्रह करता हूं। आपको अपने अति-उत्साह में यह नहीं सोचना चाहिए कि यदि कोरोना वायरस अभी तक आपके शहर, गांव, सड़क या कार्यालय तक नहीं पहुंचा है, तो यह अब नहीं पहुंचेगा। कभी भी ऐसी गलती न करें। दुनिया का अनुभव हमें इस संबंध में बहुत कुछ बताता है।'