अक्षय तृतीया से लेकर 21 दिनों तक श्री कृष्ण को लगेगा चंदन, गुलाब जल व कपूर का लेप


गया की भीषण गर्मी से राहत के लिए भगवान श्री कृष्ण को चंदन का लेप लगेगा। शहर के गौड़ीय मठ में विराजमान कान्हा की आकर्षक प्रतिमा को अक्षय तृतीया यानी रविवार से चंदन का लेप लगना शुरू होगा। अक्षय तृतीया से लेकर 21 दिनों तक हर रोज चंदन, गुलाब जल व कपूर मिश्रित लेप लगाकर उन्हें शीतलता प्रदान की जाएगी। लेप लगने के बाद काले श्री कृष्ण की प्रतिमा गोरी हो जाती है। यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। 


मौसम के अनुकूल भोग और कपड़े 
गौड़ीय मठ के पुजारी उत्तम श्लोक दास जी ने बताया कि मठ में विराजमान भगवान श्री कृष्ण, राधा, जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा को मौसम के अनुकूल भोग लगाए जाते हैं और वस्त्र पहनाए जाते हैं। गर्मी को ध्यान में रखकर इस वक्त सभी भगवान को सुबह में माखन, मिश्री, पुड़ी, सब्जी, खीर, हलवा आदि पकवान के भोग लग रहे हैं। दोपहर में दही, लस्सी आदि ठंडई और शाम में फल व शर्बत और संध्या आरती के बाद रोटी, सब्जी व मिष्ठान का भोग लगाए जा रहे हैं। सभी को सूत्ती हल्के वस्त्र पहनाए जा रहे हैं। कुर्ता नहीं पहनाते हैं। इसी तरह जाड़े के सीजन में गर्मी कपड़े और ड्राई फ्रुट्स, गर्म हलवा, पकौड़े, समोसा आदि भोग लगाए जाते हैं। मार्च से भोग व कपड़े बदल जाते हैं। 


चार घंटा लगता है भगवान को चंदन लगाने में 
चंदन का लेप सिर्फ भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को लगायी जाती है। पुजारी ने बताया कि लेप लगाने में हर दिन करीब तीन-चार घंटे का समय लगता है। लेप के बाद फूल-मालाओं से शृंगार किया जाता है। दिन में लेप लगाते हैं और रात में हटा लेते हैं। अक्षय तृतीया से यह सिलसिला 21 दिनों तक चलेगा। हालांकि लॉकडाउन के कारण इस बार मठ बंद है और श्रद्धालु भगवान के अद्भुत शृंगार का दर्शन नहीं कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि यह बहुत ही प्राचीन पंरपरा है। चैतन्य महाप्रभु के गुरु ईश्वरपुरी जी के गुरु माधवेन्द्र पुरी ने गर्मी से राहत भगवान श्री कृष्ण को चंदन का लेप लगाने की परंपरा शुरू की थी। गया में 1936 में गौड़ीय मठ की स्थापना काल से यह परंपरा चली आ रही है।