संक्रमितों में दो नर्स के पड़ोसी एक तोपखाना निवासी मरीज का पिता और चौथा अमीनाबाद निवासी रोकथाम के उपाय भी नहीं हो पा रहे कारगर।
लखनऊ । राजधानी में कोरोना संक्रमण का दायरा लगातार बढ़ रहा है। वायरस के प्रसार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। इसी का परिणाम है कि राजधानी में तीन और कोरोना संक्रमित मरीज मिले। इनमें से दो केजीएमयू की नक्खास निवासी ट्रॉमा सेंटर की संक्रमित नर्स के पड़ोसी हैं, एक व्यक्ति तोपखाना का रहने वाला है। चौथा मरीज अमीनाबाद का निवासी है। पहले इसकी पत्नी और बच्ची संक्रमित हुई थीं। जब वे ठीक होकर घर पहुंचीं तो उक्त व्यक्ति को कोरोना पॉजिटिव पाया गया। उसे लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तोपखाना निवासी व्यक्ति का बेटा पहले ही कोरोना संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती है। तोपखाना निवासी व्यक्ति को साढ़ामऊ, जबकि नक्खास के मरीजों को लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
राजधानी में कोरोना की चेन ब्रेक नहीं हो पा रही है। हर रोज नए मामले आ रहे हैं। बुधवार को तीन मरीजों में वायरस की पुष्टि हुई है। इनमें से दो ट्रॉमा सेंटर की कोरोना संक्रमित नर्स के पड़ोस के मरीज हैं। वहीं, नर्स के घर में पहले ही पांच लोगों में वायरस की पुष्टि हो चुकी है। शेष आधा दर्जन क्वारंटाइन में हैं। इसके अलावा तोपखाना निवासी संक्रमित युवक के पिता में भी वायरस की पुष्टि हुई है।
इनमें लखनऊ के 137 मरीज हैं। शेष मरीज विभिन्न जनपदों के हैं। वहीं, अब तक साढ़ामऊ अस्पताल से 42, केजीएमयू से 12, निजी कॉलेज से छह, लोहिया संस्थान से 10, पीजीआइ से एक, कमांड से दो मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है।
पत्नी-बेटी ने जीती जंग, अब पति हुआ कोरोना पॉजिटिव
पहले पत्नी और बेटी कोरोना संक्रमित हुईं और अब पति की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके बाद मरीज को बलरामपुर अस्पताल से लोकबंधु अस्पताल में शिफ्ट करवा दिया गया है। जब तक पत्नी व बेटी अस्पताल में भर्ती रहे, तब तक पति की तबीयत ठीक रही, लेकिन जब वह दोनों संक्रमण से मुक्त होकर होम क्वॉरंटाइन में घर पहुंचीं तो पति कोरोना पॉजिटिव हो गया। अब पति पहले ही संक्रमित हो चुका था या फिर बाद में संक्रमित हुआ यह फिलहाल किसी को नहीं पता। मंगलवार को सांस में दिक्कत, खांसी इत्यादि लक्षणों के चलते व्यक्ति को संदिग्ध मानकर बलरामपुर जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट बुधवार को पॉजिटिव आई है। यह परिवार अमीनाबाद निवासी है।
17 दिन से नहीं टूटी चेन, मरीजों का बन रहा रिकॉर्ड
राजधानी में 13 अप्रैल को कोरोना मरीजों की संख्या शून्य रही। वहीं, जब केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार के पीक टाइम का अलर्ट जारी किया तो जिम्मेदार सुस्त हो गए। लिहाजा, अप्रैल में वायरस के प्रकोप से स्थिति बिगड़ती चली गई। ऐसे में 15 अप्रैल को 31, 16 अप्रैल को 25 व 18 अप्रैल को 56 रिकॉर्ड मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई। इस कारण 17 दिन से कोरोना की चेन ब्रेक नहीं हुई। मरीजों का आना लगातार जारी है।
आगरा की तरह बन रहे हालात
मेडिकल स्टाफ में संक्रमण : आगरा में अफसरों की लापरवाही से मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और स्टाफ में फैला संक्रमण। कई जिम्मेदारों पर कार्रवाई हुई। वहीं, केजीएमयू में ट्रॉमा सेंटर में कोरोना संक्रमित जबरन मरीज भर्ती कराना, आइसीयू में संक्रमित नर्स से ड्यूटी कराई गई। दोनों घटनाओं में 50 से अधिक स्टाफ क्वारंटाइन में है। लापरवाहियों पर कार्रवाई के बजाय पर्दा डाल दिया गया।
हो रही लापरवाही
- आगरा में अब तक पांच निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमण के मरीज पाए गए। इन पर मुकदमा दर्ज कराया गया। वहीं, लखनऊ में तीन अस्पताल, एक डायग्नोस्टिक सेंटर तक वायरस का संक्रमण पहुंचा। कार्रवाई के नाम पर अस्पताल संचालक को मरीज भर्ती बंद करने के निर्देश दिए गए।
- दिल्ली में पिज्जा डिलीवरी ब्वॉय व आगरा में सब्जी वाले में कोरोना मिलने से बड़ी आबादी में वायरस का खतरा फैला। अब लखनऊ में भी सब्जी वाले तक संक्रमण पहुंच चुका है। वायरस नियंत्रण के लिए पुराना ढर्रा कायम है। कई मरीजों में संक्रमण का सोर्स विभाग नहीं ढूंढ पा रहा है।
- कॉल सेंटर में आने वाली कॉल पर त्वरित कार्रवाई न होना। स्थिति यह है संदिग्ध मरीज घर से कई बार कॉल सेंटर पर फोन करते हैं। वह खुद जानकारी दे रहे हैं। लेकिन, उनकी सैंपलिंग कराने में हीलाहवाली हो रही है। इसकी शिकायत वह सोशल मीडिया पर कर रहे हैं।
- स्कैनिंग तय प्रोटोकॉल में नहीं पा हो रही है। संक्रमित मरीज के संपर्क में आए परिवारजन तो तलाश लिए जाते हैं। मगर, अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में आए लोगों तक पहुंचने का प्रयास नहीं किया जा रहा है।
उठाने होंगे यह कदम
लापरवाही पर एक्शन : एक्सपर्ट का कहना है कि लॉकडाउन-टू के रहते ही वायरस की चेन ब्रेक करना जरूरी है। राजधानी में हर रोज मरीजों में वायरस मिलना चिंताजनक है। सरकार को नोएडा, आगरा की तर्ज पर लखनऊ में भी एक्शन लेना होगा। ग्राउंड स्तर पर मिशन मोड में काम करने वालों की टीम बनानी होगी।
वेंडर्स का हो कोविड का टेस्ट
आगरा में कोरोना वायरस फैलने पर शासन ने थर्ड पार्टी ऑडिट कराया। इसमें केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मे मेडिसन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत के नेतृत्व में टीम भेजी गई। टीम ने आगरा में वायरस की भयावहता पर तीन दिन बिंदुवार निरीक्षण किया। इनमें वेंडर्स का कोविड-टेस्ट अनिवार्य का सुझाव दिया। डॉ. सूर्यकांत के मुताबिक सब्जी, फल समेत लखनऊ के सभी वेंडर्स का कोरोना टेस्ट कराया जाए। उन्हेंं निगेटिव रिपोर्ट का एक पास बनाकर दिया जाए, जिसे वह अपने ठेला पर लगाएं। ऐसा करने से बड़ी आबादी को वायरस के संक्रमण से बचा सकते हैं।
लॉकडाउन का कड़ाई से हो पालन
डॉ. सूर्यकांत के मुताबिक शासन ने लॉकडाउन पालन के कड़े निर्देश जारी किए। मगर, जिम्मेदार धरातल पर उसे उतार नहीं पा रहे हैं। दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है। यहां लोगों की भीड़ जुटती है। ऐसे में जिन दुकानों को खोलने की अनुमति लॉकडाउन में दी गई है। वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित कराया जाए।
अब पूरे शहर की स्कैनिंग
डॉ. सूर्यकांत के मुताबिक अब सिर्फ हॉटस्पॉट एरिया में स्कैनिंग करने से काम नहीं चलेगा। जब सब्जी वाले, दूध वाले संक्रमित होंगे तो सिर्फ हॉटस्पॉट का घर-घर सर्वे नाकाफी होगा। लिहाजा, अब नगर निगम के दायरे में आने वाले सभी वार्डों में घर-घर स्कैनिंग अभियान चलाना होगा। इसमें नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग व अन्य विभागों को मिलाकर टीम बनाई जाए।
पूल टेस्टिंग से करें पड़ताल
डॉ. सूर्यकांत के मुताबिक शहर में तीन चिकित्सा संस्थानों व कमांड हॉस्पिटल में कोरोना टेस्ट लैब रन कर रही हैं। इनकी क्षमता पर्याप्त है। मगर, तय क्षमता में अब भी टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं। इनका उपयोग किया जाए। केंद्र सरकार टेस्टिंग बढ़ाने का जोर दे रही है। ऐसे में स्कैनिंग के दौरान संदिग्ध मरीजों का सैंपल संग्रह किया जाए। पूल टेस्टिंग कर संक्रमित व्यक्तियों की पहचान की जाए।
डीजी हेल्थ डॉ. रुकुम केश सिंह नेे बताया कि राजधानी में वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। सीएमओ को स्कैनिंग, टेस्टिंग व मरीजों के संपर्क में आए लोगों की तलाश तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। कई टीमें कार्य कर रही हैं। आवश्यकता पडऩे पर टीमें और बढ़ाई जाएंगी।