लखनऊ। राजधानी लखनऊ में मोहनलालगंज के मऊ में 5 अप्रैल से अब तक छह लोगों की मौत हो गई। मरने वाले सभी लोगों की उम्र 50 से 60 साल के बीच की है। बिना किसी खास बीमारी के इतनी मौत होने से कस्बे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन ग्राम पंचायत ने बुधवार को पूरे गांव में छिड़काव करवाकर सैनेटाइज कराया। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पंहुची। मृतकों के परिजनों सहित आस-पास के 25 लोगों का सैम्पल कोरोना की जांच के लिए एकत्र किया। फिलहाल शुरुआती पड़ताल में स्वास्थ्य विभाग ने सभी मौते बीमारी के चलते होने का दावा किया है।
मऊ कस्बे में 5 अप्रैल को विष्णु गुप्ता की मौत हो गई। उसके बाद 20 अप्रैल तक 6 लोगों की मौत हो गई। ग्रामीणों के मुताबिक रमेश, ननकू, मोहम्मद कमर, राम कुमारी की मौत हुई। उसमें एक दो को छोड़ दिया जाय तो सबकी अकस्मात मौत हुई है। इस बीच ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन का ध्यान दिलाने का प्रयास किया लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू किया तो आनन-फानन बुधवार को पूरे गांव में 4 टैंकरों के माध्यम से मऊ व उसके मजरों को सेनेटाइज कराने का काम शुरु किया गया। लोगों ने इसकी जानकारी आलाधिकारियों को भी दी जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम सीएचसी अधीक्षक डॉ. ज्योति कामले की अगुवाई में मऊ पहुंची। मृतको के परिजनों से बातचीत की। जिसके बाद सीएचसी अधीक्षका ने दावा किया कि सभी मौते बीमारी के चलते हुई है। सीएचसी की टीम वापस लौट गई। कुछ लोगों ने मृतक के परिजनों की जांच कराए जाने की मांग की ।
मामला आला अधिकारियों के पास पहुचा तो दोबारा स्वास्थ्य विभाग की टीम को वापस भेजा गया। मृतक के परिजनों सहित आस पास के 24 लोगों का सैंपल कोरोना की जांच के लिये लिया गया।
वर्जन
सीएचसी अधीक्षक डॉ. ज्योति कामले ने बताया की प्रारंभिक जांच में किसी मृतक में मृत्यु के पूर्व कोरोना के लक्षण की बात सामने नही आई है। फिलहाल 25 लोगों का सैम्पल लेकर कोरोना की जांच करवाई जा रही है।