चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग गंभीर समस्या बन चुकी है। ऐसे में लोगों को अब साइकिल से रूटीन के कामकाज निपटाने होंगे।
चंडीगढ़ । साइकिल सिर्फ फिटनेस के लिए ही नहीं, बल्कि रूटीन के कामकाज करने में शहर के लोग प्रयोग करने लगे हैं। ट्राईसिटी में तेजी से बढ़ता ट्रैफिक भविष्य की सबसे बड़ी चिंता है। चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग गंभीर समस्या बन चुकी है। लोगों को अब साइकिल से रूटीन के कामकाज निपटाने होंगे। बीते दो साल में ढाई लाख से अधिक नए वाहनों का चंडीगढ़ में रजिस्ट्रेशन हुआ है। कभी चार लाख की आबादी के लिए चंडीगढ़ शहर में 15 लाख से अधिक वाहन हैं। इन आंकड़ों से भविष्य में ट्रैफिक की समस्या का अंदाजा लगा सकते हैं। अब तो यूटी प्रशासन भी ट्रैफिक की समस्या के लिए साइकिल प्रमोशन को विकल्प के तौर पर देख रहा है।
पहले जैसी नहीं रही शहर की खूबसूरती : प्रो.राकेश ठाकुर
जिस रफ्तार से शहर में ट्रैफिक बढ़ रहा है, ऐसे में यह खूबसूरत शहर पहले जैसा नहीं रहा। अब चारों तरफ सिर्फ व्हीकल ही दिखाई देते हैं। समस्या से निपटने के लिए सभी शहरवासियों को साइकिल को अपनाना होगा। यह विचार सेक्टर-11 स्थित पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज में समाज शास्त्र के प्रोफेसर डॉ. राकेश ठाकुर ने रखे। ठाकुर बीते पांच साल से अधिकतर साइकिल का प्रयोग कर रहे हैं। नवंबर से फरवरी महीने में तो कॉलेज भी साइकिल पर आते हैं। साइकिल के प्रति जागरूकता को लेकर डॉ. राकेश ठाकुर नुक्कड़ नाटक और एनसीसी कैडेट्स की जागरूकता रैली भी लगातार आयोजित कराते हैं।
तीन साल पहले शुरू किया साइकिल चलाना : हरजीत कौर
करीब तीन साल पहले साइकिल चलाना शुरू किया था। चंडीगढ़ साइक्लिंग के लिए सबसे बेहतर शहर है। अन्य शहरों के मुकाबले यहां सबसे अच्छे साइकिल ट्रैक हैं। यह कहना है सेक्टर-20 स्थित गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सोशल स्टडी टीचर हरजीत कौर का। एनसीसी ऑफिसर हरजीत कौर ने कहा कि लोग सिर्फ फिटनेस के लिए नहीं बल्कि साइकिल टू वर्क कल्चर को अपनाएं। हरजीत के अनुसार वह भी रूटीन के कई काम साइकिल से ही करती हैं। लोगों को चाहिए कि अधिक से अधिक साइकिल का प्रयोग करें। प्रशासन को भी सभी साइकिल ट्रैक की मेंटेनेंस पर पूरा ध्यान देना चाहिए। सुरक्षित ट्रैक होने पर ही लोग साइकिल चलाने में रूचि दिखाएंगे।
साइकिल को हमेशा साथ रखता हूं : राहुल गुप्ता
साइकिल से तो बचपन से ही लगाव रहा है। बीते कुछ साल से रूटीन में साइकिल चलाता हूं। अब तो साइकिल मेरी हॉबी बन चुका है। हफ्तेभर के लिए अगर शहर से बाहर जाना पड़े तो साइकिल साथ ले जाता हूं। यह कहना है पंचकूला के सेक्टर-7 निवासी राहुल गुप्ता का। सेक्टर-32 एसडी कॉलेज के स्टूडेंट रहे राहुल ने बताया कि जब बेंगलुरु में थे तो ऑफिस भी साइकिल पर ही जाते थे। संडे तो साइकिल पर काफी लंबी सैर हो जाती है। यहां पर साइकिल चलाना काफी अच्छा और सुरक्षित महसूस होता है।