साल के पहले मांद्य चंद्रग्रहण पर ज्योतिषियों में मतभेद

इस बार वर्ष 2020 में चार चंद्रग्रहण और दो सूर्यग्रहण होंगे।



कानपुर । पौष मास की पूर्णिमा के दिन 10 जनवरी को साल के पहला चंद्रग्रहण लगेगा या नहीं इस पर ज्योतिषियों के बीच मतभेद की स्थिति बन गई और उनकी अलग- अलग राय है। कोई कह रहा है कि चंद्रग्रहण लगेगा तो कोई कह रहा है नहीं। जिन ज्योतिषियों ने चंद्रग्रहण लगने का दावा किया है वे यह मान रहे हैं कि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।


इस वर्ष लगेंगे छह ग्रहण


चिंताहरण जंत्री और पंचांग के संपादक विजय त्रिपाठी विजय का कहना है कि इस वर्ष छह ग्रहण लगेंगे। इनमें चार चंद्रग्रहण और दो सूर्यग्रहण होंगे। हालांकि एक भी चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। 10 जनवरी को मांद्य चंद्रग्रहण लगेगा। इस दिन चंद्रमा का 91 प्रतिशत भाग पृथ्वी की धूमिल छाया में आ जाएगा। यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका, यूरोप, एशिया, अफ्रीका आदि देशों में दिखेगा। यह भारत में नहीं दिख रहा है। इसलिए इसका कोई धार्मिक प्रभाव नहीं होगा। पांच जून, पांच जुलाई और 30 नवंबर को पडऩे वाला चंद्रग्रहण भी नहीं दिखेगा। 21 जून को पडऩे वाला सूर्यग्रहण दिखेगा जबकि 14 दिसंबर को लगने वाला सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।


भारत में नहीं दिखेगा चंद्रगहण


शकुंतला शक्तिपीठ के संस्थापक आचार्य अमरेश मिश्र का कहना है कि 10 जनवरी को चंद्रग्रहण लगेगा इसका उल्लेख अन्नपूर्णा पंचांग में है। यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। भारतीय ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष केए दुबे पद्मेश के मुताबिक चंद्र्रग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। ज्योतिषाचार्य आचार्य रामप्रकाश शास्त्री के मुताबिक पौष मास की पूर्णिमा पर पंचांगों में ग्रहण का उल्लेख नहीं है। ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी के मुताबिक इस वर्ष सिर्फ दो ग्रहण लगेंगे। दोनों ही सूर्य ग्रहण होंगे। चंदग्रहण नहीं लग रहा है।


क्या होगा चंद्रगहण का समय


कुछ ज्योतिषियों का कहना है कि दस जनवरी को पडऩे वाला चंद्रग्रहण करीब चार घंटे का होगा। यह रात को 10.39 बजे से शुरू होगा और आधी रात के बाद 2.40 बजे पर समाप्त होगा। ग्रहण का सूतक नौ घंटे पहले दोपहर 1.40 पर शुरू हो जाएगा। इस ग्रहण में चंद्रमा पूरी तरह से छिपेगा नहीं और न ही उसकी काली छाया पृथ्वी पर पड़ेगी। ग्रहण के समय चंद्रमा और राहु मिथुन राशि में तथा चंद्र नक्षत्र पुनर्वसु रहेगा। इस तरह साल के बाकी चंद्रग्रहण पांच जून, पांच जुलाई और तीस नवंबर हो होंगे। 


युद्ध के हालात बनने के योग


जब पृथ्वी और सूर्य सीधी रेखा में आते हैं तो पृथ्वी बीच में आने से सूर्य की किरणें चंद्रमा पर नहीं पहुंचती है। चूंकि सूर्य की रोशनी से चंद्रमा की चमक दिखाई देती है जो किरणें न पहुंचने से नहीं दिखती है। ऐसी स्थिति को चंद्र्रग्रहण कहते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो चंद्रग्रहण मिथुन राशि में लगने से युद्ध के हालात बनने का योग है। वहीं इस राशि में चंद्रग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव महिलाओं पर पड़ेगा। 


ग्रहण के उपाय


चंद्र ग्रहण के दिन पूजा-पाठ व जप-दान करना बेहतर रहेगा। ग्रहण के बाद स्नान करना चाहिये, इस दिन रात में गंगा समेत किसी नदी में स्नान करना अच्छा होगा। ग्रहण काल में गुरुमंत्र का जप करें और यथास्थिति दान करें।