कोरोना वायरस से निपटने के लिए CM योगी ने आइसोलेशन वार्ड बनाने का दिया निर्देश

कोरोना वायरस से दुनिया भर में फैली दहशत और उत्तर प्रदेश में भी इसके पांव पसारने की आशंका को देखते हुए योगी सरकार ने स्वास्थ्य अधिकारियों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है।



लखनऊ । चीन के वुहान शहर से निकले 'नोवल कोरोना वायरस-2019' ने इधर नेपाल तो उधर मुंबई-केरल-कोलकाता में दस्तक देने के साथ ही अब उत्तर प्रदेश में भी हलचल मचा दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में 10 बेड के आइसोलेशन वार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने नेपाल सीमा और हवाई अड्डों पर खास नजर रखने को कहा है, जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से समन्वय बनाने की भी हिदायत दी है। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए वाराणसी और लखनऊ के हवाई अड्डों को अलर्ट कर दिया है। नेपाल सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के सात जिलों में भी खास स्क्रीनिंग के इंतजाम किए हैं।


मुख्यमंत्री ने सोमवार को कोरोना वायरस से बचाव की तैयारियों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। खास तौर पर पर्यटन विभाग से नेपाल, चीन, थाइलैंड व वियतनाम से आने वाले पर्यटकों की जानकारी जिला प्रशासन को उपलब्ध कराने को कहा गया है। इन पर्यटकों के अस्वस्थ होने पर उन्हें सरकारी अस्पतालों में ही भर्ती कराने के निर्देश दिए हैैं। योजना भवन में इसे लेकर हुई समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य देवेश चतुर्वेदी ने प्रदेश में संवेदनशील देशों की सीमा से सटे जिलों, प्रमुख पर्यटन स्थलों व एयरपोर्ट पर तैयारियां रखने की हिदायत दी।


एयरपोर्ट पर थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था रखने के निर्देश


प्रमुख सचिव ने वाराणसी व लखनऊ के एयरपोर्ट पर चिकित्सा शिविर बनाने, सभी सात एयरपोर्ट पर थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था रखने, बुखार नापने के लिए ओरल थर्मामीटर का प्रयोग न करने और अस्पतालों की ओपीडी में संवेदनशील देशों से आए नागरिकों का ब्योरा रखने के भी निर्देश दिए। पंचायती राज अधिकारियों को संवेदनशील जिलों के गांवों में बैठक कराकर जानकारी व बचाव के प्रति जागरूक करने को कहा गया है। प्रमुख सचिव ने नेपाल सीमा से सटे जिलों के डीएम व चिकित्सा अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भी बचाव के जरूरी निर्देश दिए। हालांकि प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस की मौजूदगी का कोई संकेत नहीं मिला है।


सतर्कता के इंतजाम जरूरी 


कोरोना वायरस से दुनिया भर में फैली दहशत और उत्तर प्रदेश में भी इसके पांव पसारने की आशंका को देखते हुए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य देवेश चतुर्वेदी ने स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक बुलाई और जरूरी निर्देश दिए। प्रमुख सचिव ने बताया है कि उत्तर प्रदेश में अभी कोरोना का कोई केस नहीं मिला है, लेकिन नेपाल में वुहान से आया एक कोरोना पीड़ित मिलने के बाद सतर्कता के इंतजाम जरूरी हो गए हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए अब लखनऊ व वाराणसी एयरपोर्ट को एडवाइजरी जारी उनसे जरूरी इंतजाम करने को कहा जा रहा है।


इसके तहत नागरिक उड्डयन विभाग दोनों एयरपोर्ट पर सूचना बोर्ड लगाएगा कि आने वाले यात्रियों में से यदि कोई बीते दो हफ्तों में वुहान गया हो उसके लिए मेडिकल चेकअप कराना जरूरी होगा। दोनों हवाई अड्डों पर वुहान से आने वालों की जांच के लिए डॉक्टरों की टीम मौजूद रहेगी। ऐसे यात्रियों में कोरोना के लक्षण दिखने पर तुरंत उपचार शुरू हो जाएगा, जबकि लक्षण न होने पर भी अगले चार हफ्तों तक उनकी निगरानी की जाएगी


एसएसबी भी करेगी मदद


नेपाल में वुहान से आया कोरोना का एक संदिग्ध मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने नेपाल सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के सात जिलों महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, गोंडा, पीलीभीत व श्रावस्ती के जिलाधिकारियों व मुख्य चिकित्साधिकारियों को नेपाल सीमा से दाखिल होने वाले संदिग्ध मरीजों की निगरानी के लिए सीमा सुरक्षा बल की मदद लेने के निर्देश दिए गए हैं। डीएम और सीएमओ को नेपाल से आने वालों से यह पूछने को कहा गया है कि बीते दो हफ्तों में वह चीन से तो नहीं आए हैं। चीन से आने वाले स्वस्थ व्यक्तियों की मॉनीटरिंग चार हफ्ते तक उनके गंतव्य स्थल पर होगी, जबकि कोरोना के लक्षण मिलने पर उन्हें तुरंत आइसोलेशन वार्ड में भेज दिया जाएगा।


परिवारीजन को मिलेंगे मास्क


प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने संदिग्ध मरीजों को घर में आइसोलेट किए जाने पर परिवारीजन को भी मास्क उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। यह वायरस अब तक करीब 80 लोगों की जान ले चुका है, जबकि 800 से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आकर बीमार हो चुके हैं। गंभीर बात यह है कि इस वायरस का अब तक कोई वैक्सीन नहीं बना है। केवल लक्षणों के स्तर पर ही उपचार किया जा रहा है।