गंगा जल को साफ करने में होगा कारगर 'सिंथेटिक बीड्स'

प्रदूषक तत्वों को कम करने के लिए आइआइटी-बीएचयू के शोधार्थियों ने मशरूम से सिंथेटिक बीड्स बनाया है जो गंगा जल को साफ करने में कारगर साबित हो सकता है।



वाराणसी । गंगा में घुले जहर को अब सिंथेटिक बीड्स दूर करेगा। प्रदूषक तत्वों को कम करने के लिए आइआइटी-बीएचयू के शोधार्थियों ने मशरूम से सिंथेटिक बीड्स बनाया है, जो गंगा जल को साफ करने में कारगर साबित हो सकता है। गंगा में मौजूद क्रोमियम, आर्सेनिक, निकिल, कैडमियम व लेड जैसे हैवी मेटल, खतरनाक बैक्टीरिया को सोख कर यह सिंथेटिक बीड्स पानी को स्वच्छ करते हुए तलहटी में बैठ जाएंगे। रिसर्च टीम का नेतृत्व कर रहे स्कूल ऑफ बायो-केमिकल इंजीनिय¨रग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. विशाल व शोध छात्र वीर सिंह ने सिंथेटिक बीड्स बनाने को 'प्लुटोरस फ्लोरिडा' नामक मशरूम चुना। इसके पाउडर में चार तरह के रसायन का प्रयोग कर बीड्स तैयार किया।


हालांकि पेटेंट के मद्देनजर प्रयुक्त रसायनों की जानकारी अभी नहीं दी जा सकती। इससे पूर्व टीम ने गत वर्ष भी छोटे आकार के कम क्षमतावान बीड्स तैयार किए थे, जिसके उत्साहजनक परिणाम को देख जून 2019 में न केवल इसका पेटेंट फाइल किया गया, बल्कि अब इसे और अपग्रेड कर दिया गया है। बीड्स के आकार से उसकी क्षमता तक को गंगा या इस जैसी अन्य बड़ी नदियों में इस्तेमाल करने के हिसाब से तैयार किया गया है। नदियों के जल प्रवाह को स्वच्छ करने के साथ शहरों में होने वाली जलापूर्ति से जुड़े टैंकों में इनका प्रयोग किया जा सकता है।


लैब में उगाया गया था मशरूम : डा. विशाल के मुताबिक 'प्लुटोरस फ्लोरिडा' मशरूम को प्रयोग के लिए लैब में ही उगाया गया। इसके लिए मध्य प्रदेश स्थित नार्दन कोल्ड फील्ड लिमिटेड से दूषित पानी लाकर उसमें चावल के भूसे को दो-तीन दिन के लिए भिगोया गया। इसके बाद भूसा बाहर निकाल पॉलीथिन बैग में भरा गया, जिनमें मशरूम के बीज डाले गए। जब पौधा निकल आया तो पाया गया कि इसने भूसे में से हैवी मैटल सोख लिए हैं। फूल निकलने पर पौधे को काट कर सुखा लिया गया और पाउडर बनाया गया। कुछ विशेष तरह के केमिकल का प्रयोग कर इस पाउडर से सिंथेटिक बीड्स बनाया गया। पानी डालते ही यह हैवी मेटल सहित विषाक्त पदार्थ व हानिकारक बैक्टीरिया को सोख कर खत्म कर देता है।