बृहस्पति की दृष्टि पृथ्वी पर वक्र, धरती को बचाने के बदले फेंक रहा है एस्टेरोइड और धूमकेतु


धरती को विनाशकारी हमलों से बचाने वाला बृहस्पति ग्रह (जूपिटर) अब उसे नुकसान पहुंचा सकता है। ताजा रिसर्च में बताया गया है कि बृहस्पति ग्रह सौरमंडल के भीतर लगातार कुछ खतरनाक चीजें फेंक रहा है जो कि पृथ्वी को नुकसान पहुंचा सकती हैं। सौरमंडल का सबसे बड़ा और सबसे भारी ग्रह बृहस्पति हमेशा से पृथ्वी को धूमकेतु और क्षुद्रग्रहों से बचाता आया है। लेकिन हालिया रिसर्च के मुताबिक यह अब ठीक इसके विपरीत कर सकता है। 


आपको बता दें कि बृहस्पति की कोई जमीन यानी सरफेस नहीं है, बल्कि ये मूल रूप से गैस से बना ग्रह है। पॉपुलर जुपिटर शील्ड थ्योरी के मुताबिक यह ग्रह सौरमंडल में एक जायंट स्पेस शील्ड (बड़े आकार वाला अंतरिक्ष कवच) के तौर पर काम करता है। भारी द्रव्यमान के चलते यह खतरनाक मलबे को या तो अपने अंदर समा लेता है या फिर उसे डिफलेक्ट कर देता है। 


मशहूर स्पेस एक्सपर्ट केविन ग्रेजियर की माने तो उनके मुताबिक जूपिटर शील्ड थ्योरी अब धीरे धीरे फीकी पड़ती जा रही है। उन्होंने ऐसे कई रिसर्च पेपर प्रकाशित किए हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि बृहस्पति एक कवच नहीं बल्कि निशानेबाज या हमलावर है। उन्होंने अपने अध्ययन में स्पष्ट किया है कि वह ऐसा क्यों मानते हैं। 


ग्रेजियर की रिसर्च ने सौरमंडल में जूपिटर शील्ड थ्योरी पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए उसे खतरे में बता दिया है। उन्होंने गिजमोडो से कहा, 'असल में मैं इस थ्योरी को कोई संकट की स्थिति में नहीं कहूंगा, मैं कहूंगा कि इसका कोई अब मतलब नहीं रह गया है।'


उन्होंने कहा कि बृहस्पति पृथ्वी की तरफ धूमकेतुओं को धकेल सकता है।