गायक अदनान सामी को पद्मश्री देकर सरकार ने देश के साथ पूरी दुनिया को कई सवालों के जवाब दे दिए हैं।
नई दिल्ली । इस बार गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 16 हस्तियों को पद्म भूषण और 118 हस्तियों को पद्मश्री पुरस्कार दिया गया। इन हस्तियों में 19 मुसलमान शामिल हैं। चूंकि देश में CAA और NRC को लेकर प्रदर्शन हो रहा है, ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या देश में मुसलमानों को उत्पीड़न होता है? इन पुरस्कारों से यह साबित होता है कि देश में मुसलमानों को बराबर का हक और सम्मान हासिल है। इन पुरस्कार हासिल करने वालों में सबसे ज्यादा गायक अदनान सामी को लेकर सवाल उठ रहा है।
कुछ समय पहले तक अदनान सामी पाकिस्तान के नागरिक थे। वह करीब कुछ समय तक भारत में वीजा पर रहे और यहां कई फिल्मों और एलबम के लिए गाने गाए। बाद में उनको भारत की नागरिकता दे दी गई। उसके बाद उन्हें पद्मश्री पुरस्कार भी दिया गया। इस पुरस्कार को लेकर कांग्रेस, एनसीपी और एमएनएस ने सवाल उठाए हैं। कहा जा रहा है कि अदनान सामी के पिता फ्लाइट लेफ्टिनेंट अरशद सामी खान 1965 युद्ध के दौरान पाकिस्तान एयरफोर्स में थे। उन्होंने भारत के खिलाफ युद्ध के दौरान अधिकतम युद्धक अभियानों में उड़ानें भरी थीं।
सामी के जरिए सरकार ने दिया देश-विदेश को संदेश
दरअसल, अदनान सामी को पद्मश्री देकर सरकार ने देश के साथ पूरी दुनिया को एक साथ कई सवालों के जवाब दे दिए हैं। सरकार का कहना है कि जो भी व्यक्ति भारतीय संविधान में आस्था रखता है, भारत सरकार उसके खिलाफ नहीं है बल्कि अगर वह देशभक्ति दिखाता है तो उसको पुरस्कृत भी करती है। इसके साथ सरकार पाकिस्तान या किसी मुस्लिम देश से आए मुसलमान के खिलाफ नहीं है बल्कि अगर जरूरत होगी तो उसे भारत की नागरिकता भी दे सकती है। इसके जरिए सरकार ने अपने देश के मुसलमानों के साथ पूरी दुनिया को संदेश देने का प्रयास किया है।
सोनिया को नागरिकता देना तो अदनान को नागरिकता देना गलत कैसे
भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने अदनान सामी को पद्मश्री दिए जाने वालों को जवाब देते हुए कहा कि सोनिया गांधी के पिता हिटलर की आर्मी में शामिल थे। इसके बावजूद सोनिया गांधी को भारत की नागरिकता दी गई। ठीक ऐसे ही अदनाम सामी के पिता के पाकिस्तान आर्मी में शामिल होने के आधार पर अदनान सामी की नागरिकता को खारिज नहीं किया जा सकता है। पात्रा ने कहा कि अदनान की मां नौरीन खान भारतीय हैं और वह जम्मू की रहने वाली हैं। आज हम कांग्रेस से ये सवाल पूछना चाहते हैं कि क्या जम्मू कश्मीर की मुस्लिम महिलाओं के प्रति यही सम्मान है?
कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस ने गायक अदनान सामी को पद्मश्री दिए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले सनाउल्लाह को असम में एनआरसी के जरिये विदेशी घोषित कर दिया गया, जबकि पाकिस्तानी वायुसेना के पायलट के बेटे को देश के सर्वोच्च सम्मानों में एक से नवाजा जा रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा कि कारगिल लड़ाई के योद्धा और सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी मुहम्मद सनाउल्लाह को एनआरसी में विदेशी घोषित कर दिया गया। दूसरी तरफ अदनान सामी, जिनके परिवार ने भारत के खिलाफ लड़ाई लड़ी, को पद्म श्री दिया जा रहा है। यह एनआरसी और सरकार की चमचागिरी का जादू है। आखिर मापदंड क्या है- समाज के प्रति योगदान या सरकार का गुणगान? क्या यही नया भारत है?
सामी ने दिया जवाब
जयवीर के इस कमेंट पर अदनान सामी ने जवाब देते हुए कहा है- 'ओ बच्चे, क्या आपने अपना दिमाग 'किलियरेंस सेल' या 'सेकेंड हैंड स्टोर' से लिया है क्या? क्या बर्केले में ये पढ़ाया गया है कि एक बेटे को उसके माता-पिता के कामों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए या दंडित किया जाना चाहिए? और आप वकील हैं? क्या आपने लॉ स्कूल में ये सीखा है? गुड लक!'
एनसीपी ने भी उठाए सवाल
महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने गायक-संगीतकर अदनान सामी को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करने पर कहा कि यह साफ-साफ ऐसा मामला है कि यदि पाकिस्तान से आने वाला कोई भी शख्स 'जय मोदी' बोल देगा तो क्या उसे भारत की नागरिकता के साथ पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, ये देशवासियों का अपमान है।
अदनान सामी को कब दी गई नागरिकता
बता दें कि गायक अदनान सामी को एक जनवरी 2016 को भारत की नागरिकता दी गई थी। पाकिस्तान के लाहौर में जन्मे अदनान सामी ने 26 मई 2015 को गृह मंत्रालय से नागरिकता की अपील की थी और उसके बाद उन्हें एक साल का वीजा दिया गया और फिर उन्हें भारत की नागरिकता भी दे दी गई।